रेवाड़ी। 13 कुमाऊं बटालियन के अद्वितीय शौर्य और बलिदान की गाथा को देश भर में गूंजाने के लिए रेजांगला पराक्रम यात्रा 17 जून को जोधपुर से बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ रवाना होगी।

यह यात्रा मेजर शैतान सिंह भाटी परमवीर चक्र की शताब्दी जयंती के अवसर पर उनके पैतृक नगर जोधपुर से शुरू होकर राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और पंजाब के रेजांगला युद्ध के अमर शहीदों के परिजनों को उनके गांव-नगर में सम्मानित करेगी। यात्रा का समापन 23 जुलाई को लेह-लद्दाख की चूशूल घाटी में अहीर धाम पर गंगाजल अर्पण के साथ होगा। रेवाड़ी, जिसे सैनिकों की खान के केंद्र बिंदु के रूप में जाना

जाता है, में यह यात्रा 21 जून को रात्रि विश्राम करेगी। 22 जून को स्थानीय शहीद परिजनों को सम्मानित करने के बाद सिविलियन अहीर धाम रेजांगला युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इसके पश्चात यात्रा दोपहर बाद गुरुग्राम के लिए प्रस्थान करेगी।शहीद सेवा दल फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित इस यात्रा में रेजांगला युद्ध के तीन जीवित योद्धा—हवलदार निहाल सिंह (सेना मेडल), कप्तान रामचंद्र यादव, और हवलदार गजे सिंह—के साथ मेजर शैतान सिंह के सुपुत्र नरपत सिंह भाटी और फाउंडेशन के निदेशक सावन सिंह रोहिल्ला पूरे अभियान में शामिल रहेंगे। यात्रा का समापन 2 अगस्त को नई दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पूर्ण सैनिक परंपरा के साथ होगा।रेजांगला शौर्य समिति के महासचिव राव नरेश चौहान राष्ट्रपूत ने बताया कि रेजांगला ट्रस्ट, यादव महासभा, अहीर रेजिमेंट, महाराणा प्रताप जयंती समिति सहित रेवाड़ी की विभिन्न सामाजिक संस्थाएं और जनप्रतिनिधि इस राष्ट्रीय पराक्रम जागरण अभियान के स्वागत के लिए तैयार हैं। यह यात्रा न केवल शहीदों के बलिदान को याद करने का अवसर है, बल्कि देशवासियों में राष्ट्रीय गौरव और सैन्य शौर्य की भावना को जागृत करने का एक अनूठा प्रयास भी है।

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